
यहां की पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा थाना पुलिस को कैटल स्मगलिंग की गुप्त सूचना मिली थी. इसके बाद पुलिस ने सीमा पर बैरिकेडिंग करके वहां से निकलने वाले वाहनों की चेकिंग शुरू की. सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात करीब 2.30 बजे तेज रफ्तार भारत पेट्रोलियम का टैंकर आता हुआ दिखाई दिया.
भारत में पश्चिम बंगाल (West Bengal-Bangladesh Border) के बॉर्डर से बांग्लादेश में गायों की स्मगलिंग (Cow Smuggling) जोरों पर है. झारखंड, उड़ीसा के रास्ते पश्चिम बंगाल होते हुए गायों की तस्करी की जा रही है.
ऐसा ही एक और नया मामला सामने आया है.
झारखंड के जमशेदपुर इंटर स्टेट बॉर्डर पर भारत पेट्रोलियम का टैंकर पकड़ा गया. इसमें 21 गोवंश ठसा-ठसा भरे हुए थे. आरोपी चालक ने पुलिस को बताया कि इन्हें बांग्लादेश भेजा जा रहा था. आरोपी ओडिशा का रहने वाला है. यह घटना सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात की है.
मामले में खास बात यह है कि पुलिस को चकमा देने के लिए इतने बड़े टैंकर को मोडिफाइड किया गया था. इसमें इस तरह से बदलाव किया गया था कि गोवंशों को आसानी से रखा जा सके. बताते चलें कि जमशेदपुर की सीमा पश्चिम बंगाल और ओडिशा से लगती है.
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स्पीड बढ़ाकर भागने लगा टैंकर का ड्राइवर
पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया. इस पर टैंकर चालक ने स्पीड तेज करते हुए भागने की कोशिश की. मगर, पुलिस की मुस्तैदी के चलते वो भागने में कामयाब नहीं हो सका. पुलिस ने आरोपी टैंकर चालको को गिरफ्तार कर लिया. पूछे जाने पर उसने बताया कि गायों को बांग्लादेश भेजा जाना था. आरोपी का नाम शेख मेराज है. वह ओडिशा का रहने वाला है.
टैंकर में मिले 21 गोवंश
थाना प्रभारी सनातन तिवारी ने बताया, ”टैंकर की जांच करने पर उसमें 21 गोवंश बुरी तरह से ठसे हुए मिले. जब उन्हें बाहर निकाला गया, तो दो गायें मृत पाई गईं. दम घुटने से उनकी मौत हो गई थी. सभी जानवरों को चाकुलिया की एक संस्था में रखा गया है. मृत जानवरों को दफना दिया गया है.
टैंकर कराया गया मोडिफाइड
कैटल स्मगलिंग को अंजाम देने के लिए टैंकर को मोडिफाइड कराया गया था. पीछे वाले हिस्से में बड़ा सा गेट बनवाया गया था. अमूमन टैंकर का यह हिस्सा पूरी तरह से पैक होता है क्योंकि टैंकर में फ्यूल उसके ऊपर बने स्पेस से भरा जाता है.
बांग्लादेश भेजा जाती हैं गाय
झारखंड के जमशेदपुर की सीमा पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सीमा से सटा हुआ है. यह बॉर्डर कैटल स्मगलरों के लिए काफी सेफ बताया जाता है. यहां से स्मगलिंग होकर गायों को बंगाल भेज दिया जाता है. फिर वहां पहुंचने के बाद इन्हें बेच दिया जाता है. यह बहुत बड़ा रैकेट है, जो बहुत सुनिश्चित तरीके से गायों की तस्करी को अंजाम दे रहा है.